THE 2-MINUTE RULE FOR पारद शिवलिंग कहा मिलता है

The 2-Minute Rule for पारद शिवलिंग कहा मिलता है

The 2-Minute Rule for पारद शिवलिंग कहा मिलता है

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अशी मान्यता आहे. लंकेचा राजा रावणाने पारद शिवलिंगाची पूजा करून भगवान शंकराला प्रसन्न करून अनेक शक्ती प्राप्त केल्या होत्या. अशी मान्यता आहे.

पारे, चाँदी और जड़ी बूटी को मिलाकर के जो शिवलिंग बनता है, वह पारद शिवलिंग कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव को पारा बहुत प्रिय है और उनके इस शिवलिंग की पूजा करने का विशेष महत्व है।।

पारद शिवलिंग तयार करणे खूप अवघड काम आहे. सर्वात पहिले पारा शुद्ध केला जातो. त्यानंतर विविध औषधी मिसळून द्रवरूप पाऱ्याचे बंधन केले जाते म्हणजे ठोस बनवले जाते.

शिवलिंग को महादेव का निराकार स्वरूप माना जाता है. शिवलिंग ऊर्जा का भंडार है. इसलिए इसकी पूजा के लिए विशेष नियम बनाए गए हैं.

आध्यात्मिक विकास: स्फटिक शिवलिंग की उपस्थिति से आध्यात्मिक ज्ञान और विकास को बढ़ावा मिलता है।

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 अथर्ववेद के इन निम्न श्लोकों में स्तंभ का उल्लेख हुआ है:

इस शिवलिंग की स्थापना आप सोमवार या चंद्र के किसी भी नक्षत्र यानि रोहिणी, हस्त या श्रवण नक्षत्र में कर सकते हैं।

येलदरी धरणामुळे परभणी, जिंतूर, वसमत या शहरांसह हिंगोली जिल्ह्याचा पाणीप्रश्नही…

तुम्ही भक्तिभावनेने त्या शिवलिंगाला देवघरात स्थान देऊ शकता. 

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हरिद्वार का क्रिस्टल वर्ल्ड बेस्ट एंटरटेनमेंट डेस्टिनेशन

पारदेश्वर मंदीर परभणी शहरात स्थित असून परभणी रेल्वे स्टेशन दक्षिण मध्य रेल्वे क्षेत्राचे सिकंदराबाद-मनमाड विभागात स्थित आहे. औरंगाबाद, मुंबई, नागपूर, पुणे आणि अजमेर सारख्या महाराष्ट्रातील प्रमुख शहरांपर्यंत परभणी रेल्वेमार्गाने जोडली आहे.

खरंच निसर्गाची किमया भारी….मराठवाड्यातील एकमेव बेट… जांभूळ बेट गोदावरी नदी…

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